The dry corners are overwhelmed.
Category: Poetry
बेली
बेली तीन उतार लाई मैं गमले में यूँ इतरा रहीं थीं जैसे शोखी में मन बहला रहीं थीं झोंका हवा का जैसे गाने गुनगुना रहा हो उनके कानों में लाओ ज़रा मैं भी सुनूँ आओ रह जाओ आज मेरे बालों में भीनी भीनी खुशबु ठहर जायेगी शाम तक मैं केसों को जब खोलूंगी। कुछ बातें…… Continue reading बेली